कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
तू कितने रूपों में आये
मुझ पर इतना प्रेम बरसाए
ओ प्रिये
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
कभी नरम गद्दों पर सुलाए
कभी काम करवाए
कभी भगाये
क्या मेरे लिए अच्छा है
तू जान वही करवाए
ओ प्रिये
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
इतना प्रेम तू क्यों बरसाए
क्या ऐसा मैंने किया
जो तू हज़ारों रूपों में आ
मेरा ध्यान रखवाए
मुझपर प्रेम उड़ाए, बरसाए
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
जब बस प्रेम ही हो जीवन में
कुछ और शेष न रह जाये
तो क्या रह जाये
तू ही तू
तू ही तू
:)
तू ही तू
ओ प्रिये
तू ही तू
तू ही तू
ओ प्रिये
:)
तू ही तू
तू ही तू
:)
- तनु श्री
ओ प्रिये
तू कितने रूपों में आये
मुझ पर इतना प्रेम बरसाए
ओ प्रिये
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
कभी नरम गद्दों पर सुलाए
कभी काम करवाए
कभी भगाये
क्या मेरे लिए अच्छा है
तू जान वही करवाए
ओ प्रिये
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
इतना प्रेम तू क्यों बरसाए
क्या ऐसा मैंने किया
जो तू हज़ारों रूपों में आ
मेरा ध्यान रखवाए
मुझपर प्रेम उड़ाए, बरसाए
कैसे तेरा धन्यवाद् करूँ
ओ प्रिये
जब बस प्रेम ही हो जीवन में
कुछ और शेष न रह जाये
तो क्या रह जाये
तू ही तू
तू ही तू
:)
तू ही तू
ओ प्रिये
तू ही तू
तू ही तू
ओ प्रिये
:)
तू ही तू
तू ही तू
:)
- तनु श्री
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