February 11, 2018

कैसी अजब माया है, क्या खेल रचाया है

कैसी अजब माया है
क्या खेल रचाया है
मुझसे मुझको अलग करने का
कैसा धोखा दिखाया है

जन्मो जनम बीत गए
जीवन मरण के सफर पर चले हुए
ना मैं तुझसे कभी अलग हुई
तूने क्यों इतना सताया है

मैं हूँ तुझे में
तू है मुझे में
फिर क्या ये सारी माया है
क्या खेल ये तूने रचाया है

तू है यहाँ
तू है वहां
सब तू ही है
फिर क्यों सबको बहकाया है

सदियों सदियों का लम्बा सफर
तय कर
बस यहीं का यहीं
मुझको मुझसे मिलाया है
यहीं का यहींkya
मुझको मुझसे मिलाया है

- तनु श्री 

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