प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
तू होता तो
आलू के पराठे ख़ाता
तू होता तो
होती थोड़ी नोक झोंक
नाराज़ होता
फिर मान जाता
घुट कर जॅपी पाता
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
जीवन का सबसे लंबा समय
हुमने साथ में है बिताया
२३ साल कैसे गुज़रे
समझ में नही आया
मैं कहानियाँ सुनाती थी
तू सुनता था
तेरी सहनशीलता से
सबको मोह लेता था
घर में होती थी
जब तू तू मैं मैं
तब तू ही बढ़प्पन दिखा
करवाता था सबकी सुलह
तेरी धैर्य से सुनने की कला
मुझे भी सिखाना
मैं भी सीख रही
श्रोता होना
बिना विचार के
शून्या हो कर सुनना
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
तुझमे जो है खूबियाँ
मुश्किल है आजकल पाना
एक प्रेम भरा बड़ा दिल
सादगी, धैर्य, सहनशीलता
धन्य हो गयी मैं
तुझे अपना भाई पा कर
तुझमे एक प्रग्य इंसान
को जानकार
प्रार्थना है ये परमात्मा से
तू फूल की तरह खिले
तेरी खुश्बू सब ओर महके
तेरा आनंद कन कन से झलके
और जब भी हम मिले
उस एक में ही मिल जाएँ
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
- तनु श्री
तेरी बहुत याद आई
तू होता तो
आलू के पराठे ख़ाता
तू होता तो
होती थोड़ी नोक झोंक
नाराज़ होता
फिर मान जाता
घुट कर जॅपी पाता
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
जीवन का सबसे लंबा समय
हुमने साथ में है बिताया
२३ साल कैसे गुज़रे
समझ में नही आया
मैं कहानियाँ सुनाती थी
तू सुनता था
तेरी सहनशीलता से
सबको मोह लेता था
घर में होती थी
जब तू तू मैं मैं
तब तू ही बढ़प्पन दिखा
करवाता था सबकी सुलह
तेरी धैर्य से सुनने की कला
मुझे भी सिखाना
मैं भी सीख रही
श्रोता होना
बिना विचार के
शून्या हो कर सुनना
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
तुझमे जो है खूबियाँ
मुश्किल है आजकल पाना
एक प्रेम भरा बड़ा दिल
सादगी, धैर्य, सहनशीलता
धन्य हो गयी मैं
तुझे अपना भाई पा कर
तुझमे एक प्रग्य इंसान
को जानकार
प्रार्थना है ये परमात्मा से
तू फूल की तरह खिले
तेरी खुश्बू सब ओर महके
तेरा आनंद कन कन से झलके
और जब भी हम मिले
उस एक में ही मिल जाएँ
प्यारे भाई
तेरी बहुत याद आई
- तनु श्री
No comments:
Post a Comment
Thanks for your message :)